रायबरेली नामांकन 26 अप्रैल को जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा.रायबरेली संसदीय क्षेत्र के रण में सेनाएं जंग के लिए मैदान में

D news today दिनेश शर्मा ब्यूरो चीफ उत्तर प्रदेश

रायबरेली : नामांकन 26 अप्रैल से होना है। जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। रायबरेली संसदीय क्षेत्र के रण में सेनाएं जंग के लिए मैदान में हैं, लेकिन बिना प्रत्याशियों के चुनाव का रंग फीका है। भाजपा, कांग्रेस और बसपा ने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं। रण में बिना सेनापतियों के ही नेता अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। पूर्व के चुनाव में नामांकन के पहले चुनाव का माहौल हमेशा बना, लेकिन अबकी बार माहौल पूरी तरह से बदला हुआ है। कहीं भी चुनाव जैसा नजारा देखने को नहीं मिल रहा है। सबको सेनापतियों की घोषणा का इंतजार है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद ही चुनाव का रंग चोखा होने वाला है।

प्रियंका के आने की चर्चा, बिना घोषणा जोश नहीं

सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद प्रियंका के रायबरेली के रण में सेनापति बनने के चर्चे तो खूब हैं, लेकिन घोषणा अब तक न होने के कारण कार्यकर्ताओं में जोश देखने को नहीं मिल रहा है।

यूं तो अंदर ही अंदर कांग्रेसी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। सीट को बरकरार रखने के दावे भी कर रहे हैं, लेकिन प्रत्याशी को लेकर कोई मुंह नहीं खोल रहा है। बस यही कहा जा रहा है कि दमदार प्रत्याशी आएगा और काग्रेस का प्रत्याशी ही जीतेगा।

भाजपा में बस लोकल या बाहरी प्रत्याशी की बहस

भाजपा के कई मंत्री यहां आकर जीत के दावे कर चुके हैं। अबकी हर हाल में कांग्रेस से सीट को हथियाने की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत में आम वोटरों व भाजपाइयों में लोकल या बाहरी प्रत्याशी को उतारने की ही बहस सुनने को मिल रही है। अब तक किसी को भी मैदान में उतारने के संकेत हाईकमान से नहीं मिले है.

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