अपने ‘महराज’ को पाकर चहक उठे वनटांगिया गांव के लोग

Dnewstoday संवाददाता

➡️सीएम योगी का फूल बरसाकर किया गया स्वागत, लोगों की खुशी आसमान छूने वाली

दशकों तक समाज और विकास की मुख्य धारा से कटे रहे वनटांगियों के लिए उद्धारक की भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को उनके बीच एक सामान्य भाजपा कार्यकर्ता की भांति पहुंचे थे। पर, वनटांगिया लोगों के लिए तो वह हर भूमिका में उनके वही ‘महाराज जी’ हैं जिन्होंने उनके जीवन की दशा बदल दी। सरकारी राजस्व अभिलेखों में लंबे समय तक नागरिक के दर्जे तक से वंचित रहे इन लोगों को शासन की हर योजना से लाभान्वित कर दिया। महाराज जी जब उनके बीच थे तो वनटांगियों की खुशी आकाश की ऊंचाई तक छाने वाली होनी स्वाभाविक थी।

बुधवार को वनटांगिया गांव रजही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के गांव चलो अभियान के अंतर्गत पार्टी कार्य से पहुंचे थे। एक आम कार्यकर्ता की भूमिका में सीएम ने घर-घर जाकर अभियान का पैम्फलेट वितरित किया। उनका कुशलक्षेम जानने के साथ उनसे सरकार की योजनाओं से मिले लाभ की जानकारी ली। यह भी पूछा कि कहीं कोई दिक्कत तो नहीं हुई। मुख्यमंत्री के साथ दीपावली मनाने का सौभाग्य पाने वाले वनटांगिया उन्हें आज एक बार फिर अपने बीच पाकर निहाल थे। हर घर के सामने उनका फूल बरसाकर स्वागत किया गया। इसके लिए महिलाएं पहले से फूलों की पंखुड़ियां थाली में सजाकर खड़ी थी। सीएम योगी ने हाथ जोड़कर सबका अभिवादन स्वीकार किया। जहां भी लोगों की तरफ से उनके साथ फोटो खिंचवाने का आग्रह हुआ उसे भी उन्होंने मुस्कुराते हुए स्वीकार किया।

गांव चलो अभियान का पैम्फलेट वितरित करते हुए सीएम योगी लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी देते रहे। ग्रामीणों के बीच बाबा, माई, चाची जैसे यथोचित संबोधन से उन्होंने लोगों का हालचाल पूछा तो सबके चेहरे खुशी से दमक उठे। सीएम ने गांव के बच्चों को दुलार किया और चॉकलेट भी दिया। टॉफी, चॉकलेट देने का यह सिलसिला तबसे जारी है जब वह सांसद के रूप में इन वनटांगियों के बीच दिवाली मनाने आए थे। कुछ मासूमों को उन्होंने खुद अपने हाथ से चॉकलेट खिलाई। गांव भ्रमण करते समय एक दरवाजे पर सीएम की नजर एक खरगोश पर पड़ गई। मुख्यमंत्री वहीं रुक गए। खरगोश को दुलारने के साथ ही उन्होंने उसे चारा भी खिलाया।

➡️वनटांगियों से है योगी का बेहद आत्मीय नाता

करीब सौ साल तक उपेक्षा का दंश झेलने को अभिशप्त रहे वनटांगिया लोगों और योगी आदित्यनाथ के बीच बेहद आत्मीय नाता है। कभी ये लोग हद दर्जे की उपेक्षा के शिकार थे। योगी के कदम पड़ने के साथ ही वनटांगियों की बदहाली खुशहाली में बदलती चली गई। बतौर सांसद उन्होंने लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया। 2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया। वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों को जनहित की सभी योजनाओं से आच्छादित कर दिया। योगी यहां वर्ष 2009 से ही बतौर सांसद यहां दीपावली मनाते रहे हैं और सात साल पहले मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा में रुकावट नहीं आने दी।

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